المدونات
Virtual Church Services in the USA: A Personal Connection in a Digital World
In recent years, virtual church services have redefined how people worship, especially across the United States. The COVID-19 pandemic accelerated this shift, but the benefits have made them a permanent fixture in many congregations. Imagine attending a Sunday service while sipping coffee at home or joining a prayer group with members scattered across the globe.
That’s the reality of virtual worship today. These services bring the church to you, whether you’re homebound,...
Shiv Mahima Srotra
1. शिवमहिम्न स्तोत्र पाठ विधि:
शिवमहिम्न स्तोत्र पाठ से पहले शिवलिंग का कच्चे दूध और जल से अभिषेक करें।
इसके बाद धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।
पूजा के बाद शिवमहिम्न स्तोत्र का पाठ करें।
2. शिवमहिम्न स्तोत्र से लाभ:
इस स्तोत्र के जाप से डर पर काबू पाने में मदद मिलती है।
इस स्तोत्र के जाप से भगवान शिव की दिव्य कृपा प्राप्त होती है।
इस स्तोत्र के जाप से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
3. शिवमहिम्न स्तोत्रम् - मूल पाठ
अथ श्री शिवमहिम्नस्तोत्रम्
पुष्पदंत उवाचमहिम्नः पारन्ते...
IshwarAllahTeraNaam
मुहम्मद माणिक अल्लाह का नाम ले नदी में कूदा, 10 हिंदुओं को डूबने से बचाया | मैं अल्लाह के नाम से नदी में कूद गया। मुझे बस इतना यकीन था कि अल्लाह है और मुझे तैरना आता है..’’ ये मुहम्मद माणिक के शब्द हैं, जिन्होंने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान नदी में अचानक पानी बढ़ने के बाद डूबने वाले कई लोगों में से दस को बचाया और अब न केवल बंगाल के लिए, बल्कि देश के लिए एक उदाहरण के रूप में सुर्खियों में हैं।
ऐसे समय में जब देश में कहीं से गरबा पथराव और मदरसा में पूजा की खबरों...
पीपल वृक्ष
श्मशान में जब महर्षि दधीचि के मांसपिंड का दाह संस्कार हो रहा था तो उनकी पत्नी अपने पति का वियोग सहन नहीं कर पायीं और पास में ही स्थित विशाल पीपल वृक्ष के कोटर में 3 वर्ष के बालक को रख स्वयम् चिता में बैठकर सती हो गयीं।
इस प्रकार महर्षि दधीचि और उनकी पत्नी का बलिदान हो गया किन्तु पीपल के कोटर में रखा बालक भूख प्यास से तड़प तड़प कर चिल्लाने लगा।
जब कोई वस्तु नहीं मिली तो कोटर में गिरे पीपल के गोदों(फल) को खाकर बड़ा होने लगा। कालान्तर में पीपल के पत्तों और फलों को खाकर बालक का जीवन येन केन प्रकारेण...
Nirjala Ekadshi 2022
निर्जला एकादशी कब करें 10 या 11 को ?
पद्मपुराण में एक प्रसंगंग है जब भगवान वाराह और हिरण्याक्ष का युद्ध हो रहा था तब भगवान नारायण के बार बार कोशिश करने पर भी जब हिरण्याक्ष नहीं मर रहा थातब भगवान ब्रह्मा जी ने भगवान नारायण से पूछा हे प्रभु यह असुर तो आपकी दृष्टि मात्र से मरना चाहिए ऐसा क्यों हो रहा है कि आप इसे मार नहीं पा रहे हैं ।तब भगवान जी बोले ब्रह्मा जी शुक्राचार्य की माया से मोहित होने से कुछ ब्राह्मण दशमी युक्ता एकादशी का व्रत कर रहे हैं ।
क्योंकि दशमी के दिन दैत्यों की उत्पत्ति...
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